UN Business and Human Rights Forum की 14वी वार्षिक बैठक में शामिल हुए कुणाल षडंगी
संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा स्थित यूरोपियन मुख्यालय में चल रहे UN Business and Human Rights Forum की 14वी वार्षिक बैठक में शामिल हुए कुणाल षडंगी।
विश्व के पचास से ज़्यादा देशों से प्रतिनिधि भाग ले रहें हैं जहाँ पूरे विश्व और विशेष तौर पर विकासशील देशों में व्यापार और मानवाधिकार बीच के द्वंद्व से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
सम्मेलन में कुणाल ने जादूगोडा में UCIL कंपनी द्वारा बीते लगभग साठ वर्षों से की जा रही माइनिंग गतिविधियों का कारण संथाल, हो, मुंडा, उराँव समुदाय के लोगों के ऊपर पड़े विस्थापन और विकिरण के कुप्रभाव के मुद्दे को उठाया जो वैश्विक मंचों पर कई सालों से चर्चा में है। Official Secrets Act, 1923—स्वतंत्र भारत का सूचना की स्वतंत्रता-विरोधी अधिनियम—ने उन मामलों में स्वतंत्र पत्रकारों और विद्वानों के काम की गुणवत्ता को दबा दिया है जिन्हें “राष्ट्रीय सुरक्षा” से जुड़ा माना जाता है। वास्तव में, यूसीआईएल की वार्षिक क्षमता (मीट्रिक टन में) या उसके वास्तविक उत्पादन की जानकारी भी सार्वजनिक नहीं है। आश्चर्य की बात है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 भी मददगार नहीं हो पाता है क्योंकि खुफिया और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी को इसके दायरे से लगभग बाहर रखा गया है।
भारत के परमाणु ऊर्जा अधिनियम के तहत, राज्य सरकारों को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का संचालन करने या परमाणु ऊर्जा गतिविधियों में संलग्न होने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि यह अधिकार केवल केंद्र सरकार और उसके निगमों के पास निहित है। यह अधिनियम राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र की भूमि अधिग्रहण के अलावा किसी और भागीदारी पर प्रतिबंध लगाता है। हमारे राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने ऐसे मामलों में राज्य सरकारों को ज़्यादा प्रशासनिक शक्ति देने की माँग लगातार की है। उनकी यह सोच है की आदिवासियों की जमीन उनकी सबसे बड़ी सम्पत्ति है और ऐसे किसी उद्योगीकरण के वे सख्त ख़िलाफ़ हैं जो उनकी जमीन ले लेने के बाद उनके अधिकारों की रक्षा नहीं कर पाता हो। संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं को केंद्र सरकार के साथ इस अति महत्वपूर्ण मानवाधिकार के ग्लोबल मुद्दे पर और गंभीरता के साथ बार करने की जरूरत है।
इस अवसर पर कुणाल ने संयुक्त राष्ट्र व्यापार और मानवाधिकार कार्य समूह की अध्यक्ष पचामोन योफानथोंग से मुलाक़ात कर पूरे विषय पर चर्चा भी की और उम्मीद जतायी की उनके प्रस्ताव पर इस फोरम का जो मसौदा बनेगा उसमें इसका ध्यान रखा जाएगा।










