प्रशासनिक उदासीनता का दंश झेल रहा दिव्यांग युवक का परिवार

सदर प्रखंड के हिरानंदनपुर पंचायत के नंदीपाड़ा गांव में रहने वाला 21 वर्षीय सामपदो सरकार अपनी दिव्यांगता और गरीबी के दोहरे संकट से जूझ रहा है। मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग होने के बावजूद उसे अब तक जिला प्रशासन की ओर से किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। परिवार की स्थिति इतनी दयनीय है कि दो वक्त की रोटी जुटाना भी चुनौती बना हुआ है।सामपदो के पिता सुबल सरकार खुद भी दिव्यांगता से पीड़ित हैं। एक पैर खराब हो जाने के कारण वह किसी भी प्रकार के श्रम से पूरी तरह असमर्थ हैं। मजबूरी में घर की जिम्मेदारी 15 वर्षीय नाबालिग बेटे पर आ गई है, जो पढ़ाई की उम्र में मजदूरी करके परिवार को किसी तरह संभाल रहा है। सामपदो की मां का कहना है कि अब तक न दिव्यांगता प्रमाण पत्र मिला, न पेंशन, न ही ट्राईसाइकिल। कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। परिवार कुछ साल पहले अंजना गांव से नंदीपाड़ा आकर बसा था। जिसके बाद से उनकी समस्याओं की अनदेखी होती आ रही है। गांव के लोगों का कहना है कि यह मामला मानवीय आधार पर अविलंब हस्तक्षेप की मांग करता है। प्रशासन अगर जल्द कदम नहीं उठाता तो परिवार का आगे का जीवन और कठिन हो सकता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सामपदो सरकार के परिवार को त्वरित चिकित्सा सुविधा, प्रमाणपत्र, पेंशन और अन्य सरकारी लाभ उपलब्ध कराने की मांग की है।

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