कृषि विज्ञान केंद्र में जिला स्तरीय रबी कार्यशाला का आयोजन
किसानों को मिली आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी
पेटरवार । पेटरवार स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में मंगलवार को जिला स्तरीय रबी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि मुकेश कुमार महतो, उपप्रमुख सीमा देवी, जिला परिषद सदस्य प्रहलाद महतो, पेटरवार मुखिया दिनेश कुमार गुप्ता, सदमाकला की मुखिया सावित्री देवी और समाजसेवी प्रकाश महतो ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। कार्यक्रम में वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. रंजय कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक पद्धतियों और सरकारी सहायता का उपयोग कर किसान अपनी उपज एवं आय में उल्लेखनीय वृद्धि कर सकते हैं। मुख्य अतिथि मुकेश महतो ने किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं, अनुदान, कृषि ऋण और तकनीकी सहयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़कर उन्नत बीज, आधुनिक उपकरण और वैज्ञानिक विधियों का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपप्रमुख सीमा देवी, जिला परिषद सदस्य प्रहलाद महतो, मुखिया दिनेश कुमार गुप्ता, मुखिया सावित्री देवी और समाजसेवी प्रकाश महतो ने जैविक खेती, जल संरक्षण और आधुनिक कृषि तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने किसानों को वैज्ञानिक पद्धति अपनाने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया। मंच संचालन उप परियोजना निदेशक मोतीलाल ने किया। कार्यशाला में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक (डीडीएम) ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए किसानों को इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारी, बोकारो कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुषमा सरोज सुरीन, डॉ. सुषमा बाखला, मोहम्मद जुनैद आलम, एटीएम नवीन कुमार सहित क्षेत्र के सैकड़ों किसान उपस्थित रहे। किसानों ने विशेषज्ञों से खेती संबंधी समस्याओं पर सुझाव प्राप्त किए और अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला के माध्यम से किसानों को उन्नत तकनीक, वैज्ञानिक पद्धति और सरकारी सहायता के बारे में जागरूक करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया गया, जिससे वे अपनी कृषि आय बढ़ाकर खेती को लाभकारी व्यवसाय बना सकें।









