कभी उग्रवादियों की शरणस्थली रहा बालूभांग अब बना अफीम तस्करों का अड्डा
बालूमाथ। बालूमाथ पुलिस अनुमंडल मे एक अनुमान के मुताबिक इस साल हेरहंज और बारियातू थाना क्षेत्र में हजारों एकड़ में अफीम की खेती की गई है। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती खेती के बाद अफीम की तस्करी पर रोक लगाने की है। राज्य सरकार ने कोई ठोस उपाय नहीं किया गया, तो लातेहार जिला के बालूमाथ पुलिस अनुमंडल अफीम के लिए अफगान बनने की राह पर है।झारखंड प्रदेश का बालूमाथ एक ऐसा पुलिस अनुमंडल है, जो तस्करों के लिए पनाहगाह रहा है। कभी उग्रवादियों की शरणस्थली रहा बारियातू थाना क्षेत्र के बालूभांग कभी कत्था तस्करी के लिए विख्यात था, तो कभी अफीम की तस्करी के लिए। पिछले कुछ साल से मादक पदार्थों की खेती और तस्करी के लिए बारियातू थाना क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में हैं. नक्सलियों की आड़ में अंतरराज्यीय अफीफ व्यावसायियों ने बालूभांग और हेरहंज थाना क्षेत्र के कुछ हिस्सों को अफीम की खेती और तस्करी का अड्डा बना लिया है। हालांकि लातेहार पुलिस कप्तान कुमार गौरव के सख्त रवैये के कारण कुछ हद तक अफीम तस्करों पर काबू पाया गया है। बारियातू थाना क्षेत्र और हेरहंज थाना क्षेत्र में कई ऐसे क्षेत्र है, जहां भौगोलिग रूप से पुलिस को पहुंचना मुश्किल होता है।जिसका भी पुरा लाभ उठाते हुए अफिम तस्कर नदियों के किनारे ही अफीम की खेती करने शुरू कर दिया है।









