आपदा प्रबंधन हेतु मॉक ड्रिल का सफल आयोजन,9वीं बटालियन के सहयोग से किया गया।

आपदा प्रबंधन क्षमताओं को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने के मालदा मंडल के सतत प्रयासों के तहत शनिवार को साहिबगंज रेलवे स्टेशन यार्ड में पूर्ण पैमाने पर मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस अभ्यास का आयोजन सुरक्षा विभाग द्वारा मंडल रेल प्रबंधक, मालदा मनीष कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन तथा वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी ताराचंद के पर्यवेक्षण में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), 9वीं बटालियन (पटना) के सहयोग से किया गया।

मॉक ड्रिल के दौरान एक काल्पनिक दुर्घटना परिदृश्य निर्मित किया गया, जिसमें प्रातः 11:35 बजे प्लेटफॉर्म संख्या 03 के लाइन संख्या 04 से प्रस्थान कर रही एक रेलगाड़ी को दुर्घटनाग्रस्त घोषित किया गया। तत्पश्चात कर्मचारियों एवं अधिकारियों की तत्परता और प्रतिक्रिया समय का मूल्यांकन करने हेतु सूचना तुरंत मालदा रेलवे रेस्क्यू टीम को प्रेषित की गई। वास्तविक परिस्थितियों का आकलन करने के लिए साहिबगंज यार्ड में पूछताछ केंद्र एवं सहायता काउंटर स्थापित किए गए। लगभग दो घंटे तक चले इस अभ्यास के उपरांत पूर्ण बहाली के साथ ड्रिल समाप्त हुई।अपर मंडल रेल प्रबंधक मालदा शिव कुमार प्रसाद मॉक दुर्घटना स्थल पर उपस्थित रहे तथा उनके साथ विभिन्न शाखाओं के अधिकारी, स्काउट्स एवं गाइड्स दल तथा एनडीआरएफ टीम भी मौजूद रही। एक्सीडेंट रेलिफ ट्रेन,साहिबगंज दुर्घटना स्थल पर तत्काल पहुंच गई।

संरक्षा, चिकित्सा, यांत्रिक, इंजीनियरिंग, परिचालन, विद्युत, दूरसंचार, वाणिज्य एवं सुरक्षा सहित सभी प्रमुख विभागों के रेलवे अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस मॉक ड्रिल में सक्रिय सहभागिता दर्ज की। संपूर्ण अभ्यास मंडल रेल प्रबंधक, मालदा मनीष कुमार गुप्ता द्वारा बारीकी से मॉनिटर किया गया।

इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा की स्थिति में रेलकर्मियों की प्रतिक्रिया क्षमता, निर्णय लेने की दक्षता, निर्धारित प्रक्रिया के अनुपालन तथा राहत एवं बचाव कार्यों में संभावित अवरोधों की पहचान एवं समाधान का मूल्यांकन करना था।

एनडीआरएफ के साथ इस प्रकार के संयुक्त अभ्यास रेलवे के ब्रेकडाउन स्टाफ की तैयारियों को परखने, बचाव कौशल को अभिवर्धित करने तथा आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों के उपयोग में दक्षता विकसित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होते हैं। ये अभ्यास दुर्घटनाग्रस्त यात्रियों को गोल्डन आवर अर्थात दुर्घटना के एक घंटे के भीतर सुरक्षित रूप से बचाने, प्राथमिक उपचार प्रदान करने एवं अस्पताल पहुंचाने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया को मजबूत बनाते हैं। इस मॉक ड्रिल से न केवल रेलवे कर्मचारियों की बचाव क्षमता में वृद्धि हुई, बल्कि एनडीआरएफ कर्मियों को भी भारतीय रेल कोच संरचना की बेहतर समझ प्राप्त हुई।

मॉक ड्रिल के दौरान उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों में वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता रत्नेश कुमार, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अमरेन्द्र कुमार मौर्य, वरिष्ठ मंडल अभियंता नीरज कुमार वर्मा, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कार्तिक सिंह सहित मालदा मंडल के अन्य शाखा अधिकारी सम्मिलित रहे।

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